Mutual Fund, FD या Stocks : निवेश का कौन सा विकल्प आपके लिए है बेहतर, इन फैक्टर्स से करें चुटकियों में पता

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वर्तमान समय में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद है जैसे कि म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स, एफडी या इंश्योरेंस कंपनियों के इन्वेस्टमेंट प्लान। लेकिन आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है या फिर आपको कहां पर अपना पैसा लगाना चाहिए इसके बारे में आपको जरुर पता होना चाहिए। 

अतः यहां आपको हम कुछ ऐसे फैक्टर्स बताने जा रहे जिनकी मदद से आपको यह जानने में आसानी होनी होगी की आपको अपना पैसा कहां लगाना चाहिए। आइए इन फैक्टर्स के बारे में विस्तार से जानते है। साथ ही इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िएगा।

1. रिटर्न

किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान में पैसा लगाने से पहले आपको यह जरूर देखना चाहिए कि वहां से आपको अनुमानित कितना रिटर्न मिल सकता है। इसके लिए आपको एफडी, स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड के द्वारा बीते कुछ समय में प्राप्त रिटर्न की तुलना जरूर करनी चाहिए ताकि आप भविष्य में प्राप्त होने वाली रिटर्न का कुछ हद तक अनुमान लगा सको।

2. समय

पैसा निवेश करते समय एक महत्वपूर्ण फैक्टर बन जाता है। यदि आपके पास निवेश करने के लिए बहुत समय है यानी कि आप लंबी अवधि के लिए पैसा लगाना चाहते हो तो आप म्यूचुअल फंड में दांव लगा सकते हो क्योंकि यहां से आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा। साथ ही अधिक समय होने पर आप अधिक जोखिम भी उठा सकते हो।

3. जोखिम

इन्वेस्टमेंट को जोखिम भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है। किसी भी निवेश प्लान में पैसा लगाने से पहले आपको अपने जोखिम लेने की क्षमता का ज्ञान होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आपकी उम्र 50 साल है तो आपको पैसा ऐसी जगह पर लगाना चाहिए जहां आपका पैसा सुरक्षित भी रहे और आपको अच्छा रिटर्न भी प्राप्त हो। साथ ही जरूरत पड़ने पर आप आसानी से उस पैसे को निकाल सको।

वही अगर आप अभी जवान हो और आपकी आयु 20 से 22 साल है तो आप अधिक जोखिम लेकर स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल में अपना पैसा लगा सकते हो। आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जितना अधिक जोखिम होगा लाभ की संभावना भी उतनी ज्यादा होगी। जबकि जोखिम कम होगा तो रिटर्न भी कम मिलेगा।

4. लिक्विडिटी

पैसा निवेश करते समय लिक्विडिटी भी अहम भूमिका निभाता है। इसका अर्थ है कि पैसा ऐसी जगह पर लगाना चाहिए जहां से आप अपने पैसे को जल्दी से कैश में बदल सको। इसलिए निवेश से पहले यह जरूर जांच कर लें कि आप अपने पैसे को कितने समय में कैश में बदल सकते हो।

5. टैक्स

आखिर में सबसे अहम चीज है टैक्स प्लानिंग। आपको हमेशा टैक्स प्लानिंग के साथ अपने पैसे को निवेश करना चाहिए। यह आपके ओवरऑल रिटर्न को बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है। सीधा सा अर्थ है कि टैक्स प्लानिंग के साथ निवेश करने पर आप अधिक से अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हो।

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Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करना चाहते हैं तब सबसे अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें

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