आज के समय में म्यूचुअल फंड्स के विज्ञापन हर जगह दिखाई दे रहे हैं, टीवी, अख़बारों, होल्डिंग्स, मोबाईल सभी जगह म्यूचुअल फंड सहीं है, निवेश करें का नारा चल रहा है. निवेश के कई सारे ऑप्शन बाजार में मौजूद है परन्तु इस समय म्यूचुअल फंड काफी चर्चा में बना हुआ है.
म्यूचुअल फंड निवेश पिछले कुछ सालों में आश्चर्यजनक तरीके से पॉपुलर हुआ, परन्तु इसमें शामिल रिस्क को नाकारा नहीं जा सकता, नतीजतन बहुत से निवेशक निवेश करने से पहले ही डर जाते हैं कि कहीं उनका पैसा डूब ना जाये.
अभी भी बहुत से लोग म्यूचुअल फंड के विषय में नहीं जानते, साथ ही यह भी की किस तरह म्यूचुअल फंड में निवेश करें की जोखिम क्षमता कम किया जा सके
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म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक तरह का फंड है, जो एक जैसे निवेश उद्देश्य वाले बहुत से लोगों द्वारा जमा किये गए पैसे को स्टॉक, बांड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, इक्विटी संबंधित अन्य विकल्पों में निवेश करता है. ज्ञात हो कि एसेट मैनेजमेंट कम्पनियाँ (AMC) म्यूचुअल फंड को मैनेज करती है, AMC के पास कई तरह की म्यूचुअल फंड योजनाएं होती है.
म्यूचुअल फंड से मिलने वाले लाभ, हानि, आय आदि का हिस्सा निवेशक को प्राप्त होता है, सरल शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड एक बड़े पिज्जे के सामान है जिसमे निवेशक करना उस पिज्जे का छोटा हिस्सा खरीदना है.
म्यूचुअल फंड के प्रकार?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड – इस म्यूचुअल फंड में निवेश राशि का इस्तेमाल किसी कंपनी के शेयर्स खरीदने अर्थात शेयर बाजार में किया जाता है.
- डेट म्यूचुअल फंड – म्यूचुअल फंड के इस तरीके में निवेश राशि का इस्तेमाल ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज आदि में किया जाता है, यह इक्विटी की तुलना में कम जोखिम वाला होता है, साथ ही डेट फंड का रिटर्न इक्विटी फंड की तुलना में कम होता है.
- बैलेंस या हाइब्रिड फंड – इस म्यूचुअल फंड में निवेश कर निवेशक बिना अधिक जोखिम लिए बढ़िया रिटर्न बना सकता है, इस कैटेगरी में इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होता है.
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स – इस कैटेगरी में किसी खास लक्ष्य के लिए निवेश किया जाता है, सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड्स डेट, इक्विटी और हाइब्रिड तीनों का मिश्रण है.
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म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
- म्यूचुअल फंड में आप एकमुश्त तरीके से व सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश कर सकते हैं.
- अगर निवेश की बात करें तो म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट निवेश किया जा सकता है AMC की वेबसाइट या मोबाईल एप के माध्यम से, इसके अलावा बाजार में उपस्थित विभिन्न ब्रोकर एप के माध्यम से भी म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है.
- म्यूचुअल फंड में दो तरह के प्लान होते हैं डायरेक्ट और रेगुलर, रेगुलर प्लान मंहगा होता है परन्तु जो निवेश ऑनलाइन निवेश करना नहीं जानते या म्यूचुअल फंड उनके लिए नया है, तो रेगुलर प्लान में ही निवेश करें.
म्यूचुअल फंड के नुकसान
जैसा की हमने बताया, इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिये शेयर में निवेश किया जाता है, इक्विटी बाजार में उठा-पटक लगा रहता है ऐसे में बेहतर रिटर्न के लिए लम्बे समय तक निवेश करना आवश्यक है, अगर किसी वहज से शेयरों का परफॉर्मेस बुरा हो तो म्यूचुअल फंड में निगेटिव रिटर्न देखने को मिल सकता है. हालांकि कई तरह की अलग-अलग कंपनियों में निवेश से म्यूचुअल फंड निवेश जोखिम कम हो जाता है.
इसके अलावा कई म्यूचुअल फंड स्कीम एक निश्चित तिथि तक लॉकइन पीरियड वाले होते हैं, ऐसे में जब इन स्कीमों से निवेश समय से पहले निकालें तो नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती अगर आप निवेश करना चाहते हैं तब सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें
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