डेट म्यूचुअल फंड वे स्कीमें हैं जो निश्चित आय वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश करती है, निश्चित आय वाले इंस्ट्रूमेंट जैसे की सरकारी प्रतिभूतियां कॉर्पोरेट बांड मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि.
सरकारी प्रतिभूतियां भारत सरकार द्वारा जारी की गयी डेट सिक्योरिटीज होती है जिसमे ट्रेजरी बील जी सेक आदि शामिल है. कॉर्पोरेट बांड कंपनियों के द्वारा जारी किये जाते हैं, जबकि मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में कम अवधि के डेट इंस्ट्रूमेंट शामिल होते हैं, डेट फंड का उद्देश्य नियमित आय प्रदान करना और पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है.
डेट फंड के फायदे
नियमित आय : डेट म्यूचुअल फंड निवेशकों को नियमित आय प्रदान करते हैं जोकि ब्याज के रुप में होता है.
संपत्ति की सुरक्षा : डेट म्यूचुअल फंड निवेश में जोखिम स्तर निम्न होता है, इससे पूंजी की सुरक्षा होती है.
विविधता : डेट म्यूचुअल फंड के जरिये अलग-अलग परिसम्पत्तियों में निवेश किया जाता है जिससे पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन बना रहता है.
टैक्स लाभ : डेट फंड में निवेश कर टैक्स बेनिफिट भी लिया जा सकता है.
डेट फंड के नुकसान
ब्याज दर जोखिम : ब्याज दरों में बदलाव डेट म्यूचुअल फंड के मूल्य को प्रभावित करता है, मौजूदा ब्याज दर बढ़ने पर बांड की कीमत घट जाती है.
क्रेडिट जोखिम : अगर बॉन्ड जारीकर्ता भुगतान नहीं कर पाता तो आप अपना निवेश खो सकते हैं.
मुद्रास्फीति जोखिम : अगर मुद्रास्फीति दर ब्याज दर से अधिक है तो रिटर्न घट सकता है.
डेट फंड रिटर्न
डेट फंड | 1 साल का रिटर्न |
---|---|
ICICI Prudential Ultra Short Term Fund | 7.65% |
Nippon India Corporate Bond Fund | 7.48% |
Mahindra Manulife Low Duration Fund | 7.61% |
Axis Short Term Fund | 7.27% |
SBI Magnum Income Fund | 7.38% |
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Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती अगर आप निवेश करना चाहते हैं तब सबसे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें
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