पैसा आदमी की सबसे बड़ी ताकत है, बात कड़वी है मगर अधिकांश परिवारों में बच्चे बुढ़ापे का सहारा नहीं बनना चाहते, उनकी स्वयं की कई जरुरतें हैं, ऐसे में अगर आप पूरी तरह बच्चों पर निर्भर है तो यह सहीं नहीं है। बुढ़ापे के लिए खुद आर्थिक रुप से ससक्त बनें। समझदारी इसी में हैं की नौकरी के साथ ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरु कर दें, ताकि बुढ़ापे में पैसों की कमी ना रहें।
मोटा फंड जमा करने के साथ-साथ आपको बुढ़ापे के लिए रेगुलर इनकम प्लान करने की भी आवश्यकता होगी ताकि रोजमर्रा की जरुरतें और खर्चें चलते रहे। इसके लिए SIP+SWP की स्ट्रैटेजी मददगार होगा।
SIP और SWP क्या है समझिये?
SIP में आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं जोकि आपके बैंक खाते से काट लिए जाते हैं और आपके द्वारा चुने गए म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा कर दिया जाता है।
वहीं SWP में म्यूचुअल फंड में किया गया बड़ा निवेश आपके बैंक अकाउंट में मंथली, तिमाही, छमाही व सालाना जिस भी मोड़ का आपके चुनाव किया क्रेडिट होता रहता है, जब तक की फंड ख़त्म ना हो जाएँ।
SIP और SWP स्ट्रेटजी
इस नियम के तहत आपको अपने नौकरी के दौरान SIP की शुरुवात करनी चाहिए, म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड होने के कारण रिटर्न में उतार-चढाव होते रहते हैं, परन्तु लम्बी अवधि में म्यूचुअल फंड सामान्य 12 फीसदी का रिटर्न दे सकता है। जोकि किसी अन्य स्कीम में देखने को नहीं मिलता, इसके अलावा SIP के जरिये निवेश से कम्पाउंडिंग का भी फायदा मिलता है, नतीजतन 20 से 30 साल की अवधि में बड़ा से बड़ा फंड तैयार हो जाता है।
इसके बाद अगर आपका रिटायरमेंट हो जाता है तो SWP का चुनाव करना होगा, इसके जरिये आप रेगुलर इनकम का इंतेजाम कर सकते हैं। SWP में अनुमानित रिटर्न 8 फीसदी का माना जाता है, आप अपने जरुरत के हिसाब से SWP के लिए 10, 20 साल की अवधि चुन सकते हैं। यह इनकम तब तक होती रहेगी जब तक आपके पास फंड है, फंड ख़त्म होने पर SWP रुक जाएगी।
अगर 20 साल के बाद भी SWP राशि बच जाती है तो उसे निकाल सकते हैं, या कहीं और इन्वेस्ट भी कर सकते हैं।
SWP की शुरुवात
SWP की शुरुवात कभी भी की जा सकती है, अपने SIP को आप रिटायरमेंट के बाद SWP में बदल सकते हैं। अगर आपने SIP में निवेश नहीं किया है तो रिटायर्मेंट पर मिलने वाले एकमुश्त फंड से SWP एक्टिवेट कर सकते हैं। SWP एक्टिव करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा।
SWP के फायदें
- बाजार के उतार-चढाव को आसानी से झेल सकता है
- चूँकि बाजार निवेश है इसलिए अच्छे रिटर्न की उम्मीद है
- महगाई को आसानी से मात दे सकता है
- आप अपने इक्षा से निवेश राशि चुन सकते हैं।
SWP में बरतें यह सावधानी
SWP के लिए हमेसा से डेट व लिक्विड फंड की सलाह दी जाती है, इक्विटी फंड में SWP ना लगाएं, ऐसा इसलिए क्योंकि बाजार गिरने पर फंड में अधिक असर होगा और आपको ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगें।
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