SIP vs STP : Mutual Fund SIP के बारे में अधिकांश निवेशकों को मालूम है, वर्तमान समय में एसआईपी को सुरक्षित निवेश का सबसे अच्छा विकल्प भी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि STP क्या और यह SIP से किस प्रकार अलग है?
एसटीपी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है लेकिन बहुत ही कम लोगों को इसके बारे में जानकारी होगी। इस लेख में हम आपको STP के बारे में बताने वाले है। चलिए जानते है कि आखिर Mutual Fund STP क्या है?
SIP क्या है?
SIP यानी की सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के द्वारा म्यूचुअल फंड में दैनिक, मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर एक निश्चित राशि का एक निश्चित अवधि के लिए निवेश किया जाता हैं। एसआईपी पर लंबी अवधि के निवेश से कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है।
STP क्या है?
SIP की तरह STP यानी की Systematic Transfer Plan भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने का एक तरीका है। STP के तहत निवेशक द्वारा एकमुश्त राशि का निवेश किसी एक फंड में (अमूमन डेट फंड में) किया जाता है।
बाद में निरंतर अंतराल में इस राशि को इक्विटी फंड में ट्रांसफर किया जाता है। सरल शब्दों में STP के तहत पैसा एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरे म्यूचुअल फंड स्कीम में ट्रांसफर किया जाता है।
किस तरह काम करता है STP
मान लीजिए कि आप 1 लाख रुपए का निवेश इक्विटी फंड में STP के जरिए करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको लिक्विड या डेट फंड का चयन करने के साथ 1 लाख रुपए का निवेश उस फंड में करना होगा। यदि आप किसी डेट फंड में यह 1 लाख रुपए इन्वेस्ट कर करते है। निवेश के साथ आपको एक निश्चित अवधि का चयन भी करना होगा, जिस अवधि में आपका पैसा इक्विटी फंड में ट्रांसफर होगा।
अब मान लेते है कि आप हर महीने 10 हजार रुपए की राशि को ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो हर महीने 1 लाख रुपए की राशि 10–10 हजार करके अगले 10 महीनों के अंदर डेट फंड से ट्रांसफर होकर इक्विटी फंड में जुड़ जायेगा।
इस प्रकार आपका पैसा एक व्यवस्थित तरीके से एक फंड से दूसरे फंड में ट्रांसफर होता रहता है। जो लोग इक्विटी फंड में एकमुश्त पैसा लगाना चाहते है लेकिन इससे संबंधित उतार-चढ़ाव से बचना चाहते है तो उनके द्वारा STP का चयन किया जाता है।
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SIP या STP किसे चुने?
व्यवस्थित तरीके से निवेश करने के लिए SIP और STP दोनों ही बेहतर विकल्प है। साथ ही निवेशक को दोनों में ही रुपी कॉस्ट एवरेज का फायदा मिलता है, लेकिन दोनों प्लान का टारगेट अलग अलग है।
एक तरफ SIP उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो एकमुश्त की बजाए छोटी छोटी राशि को व्यवस्थित तरीके से लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते है तथा भविष्य में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं।
वही दूसरी तरफ STP का चयन उन लोगों द्वारा किया जाता है जो सीधे तौर पर इक्विटी फंड में अपना पैसा एक साथ लगाने से कतराते है क्योंकि यह रिस्की होते है। अतः डेट या लिक्विड फंड के जरिए STP के द्वारा इक्विटी में पैसा लगाया जा सकता है।
अतः निवेश के यह दोनो विकल्प SIP और STP अपनी शैली और निवेश लक्ष्य के आधार पर सही है। इसलिए यह पूरी तरह से निवेशक के ऊपर निर्भर करता है कि उसे कौन से विकल्प का चयन करना है।
Disclaimer : यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियों के आधार पर बनाया गया है, हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेंसियल एडवाइज नहीं दी जाती शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करना चाहते हैं तब सबसे अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें
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