जिन भी लोगों का रूझान शेयर मार्केट या व्यसवाय की तरफ होगा तो उन्होंने शेयर शब्द के बारे में जरूर सुना होगा, साथ ही जो लोग वर्तमान समय में Share Market से संबंध रखते होंगे उनको शेयर क्या होता है (Share Kya Hai) इसके बारे में जरूर जानकारी होगी.
लेकिन काफी सारे ऐसे लोग है जो अभी भी इस सावल का जवाब ढूंढ रहे है की शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते है? अतः आज आप बिलकुल सही लेख को पढ़ने आए हो क्योंकि आज आपको इस लेख के द्वारा निम्नलिखित विषय के बारे में जानने को मिलेगा।
इन सबके अलावा इस लेख के माध्यम से आपको कई सारे अन्य प्रश्नों के जवाब भी दिए जाएंगे, यदि आप शेयर मार्केट के विषय में जानना चाहते हो तो आपको सबसे पहले यह जानकारी अवश्य होनी चाहिए की शेयर का मतलब क्या है?
ऐसे में आज का यह लेख पढ़ना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि यह लेख आपको Share के विषय में कई सारी आवश्यक जानकारी प्रदान करने वाला है.
अगर आप वाकई में जानना चाहते हो कि शेयर क्या है और शेयर कंपनियों द्वारा क्यों जारी किए जाते हैं तो इस लेख में हमारे साथ आखिर तक बने रहिएगा ताकि आपको इस संपूर्ण लेख में वर्णित समस्त जानकारी पूर्ण रूप से समझ में आ सके.
हमने प्रयास किया है की आपको हम सम्पूर्ण जानकारी आसान से आसान शब्दों में समझा सके, आइए फिर जानते हैं कि Share Meaning in Hindi क्या है?
शेयर क्या होता है | What is Share in Hindi?
किसी भी कंपनी की कुल पूंजी छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित होती है। ऐसे प्रत्येक हिस्से को अंश कहा जाता है. कंपनी अधिनियम 2 (84) कंपनी एक्ट 2013 के अनुसार “अंश का आशय कंपनी की अंश पूंजी के एक हिस्से से हैं और उसमें स्कंध (Stock) भी शामिल किया जाता है जब तक की स्कंध और अंश में स्पष्ट व गर्भित रूप से अंतर ना किया गया हो।”
उदाहरण के लिए जब एक कंपनी की कुल पूंजी ₹600000 हैं जोकि 60,000 इकाइयों/हिस्सों में बंटी हुई है. अतः इस कुल इकाई का एक हिस्सा अंश कहलाएगा और प्रत्येक हिस्से/इकाई की कीमत 10 रुपए (600000/60000) होगी, इस प्रकार यह अंश पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा हुआ जो की अंश के नाम से जाना जाएगा.
कंपनी की कुल पूंजी शेयर कैपिटल (Share Capital) कहलाती है. शेयर कैपिटल की गणना निम्नलिखित फार्मूले की मदद से की जाती है.
Share Capital = Total Number of Shares × Share Price
ऊपर दिए गए उदाहरण के अनुसार कंपनी के शेयर को 60000 हिस्सो में विभाजित किया गया है और प्रत्येक शेयर/अंश का मूल्य ₹10 है, इस तरह से कंपनी की कुल पूंजी ₹600000 मानी जाएगी.

शेयर में हिस्से या इकाई का क्या अर्थ है?
हिस्से या इकाई का अर्थ किसी भी कंपनी की कुल पूंजी के सबसे छोटे भाग से हैं जिसे अंश के नाम से जाना जाता है। मान लीजिए यदि आप किसी कंपनी के शेयर या अंश खरीदते हो तो आपने जीतने भी हिस्से को अंश के रूप में खरीदे होंगे उतने हिस्से का स्वामित्व आपको उस कंपनी में मिल जायेगा यानी की आप भी उस कंपनी के सदस्य बन जाओगे.
उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने PNB के 400 शेयर 100 रुपए प्रति अंश के हिसाब से खरीदे है तो आपने कंपनी को कुल 40000 रुपए पूजी के रुपए में दिए है.
अतः इस प्रकार से आपने PNB के कुल शेयर में से 400 शेयरों पर अपना स्वामित्व पा लिया है और अब PNB के Shares पर मिलने वाले लाभ और हानि पर आपका भी हक होगा। लाभ होने पर आपको भी फायदा होगा और हानि होने पर आपको नुकसान झेलना पड़ेगा.
कंपनियां शेयर जारी क्यों करती हैं?
शेयर क्या है यह जानने के बाद आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा की आखरी कंपनिया शेयर क्यों जारी करती है? जैसा कि आप सभी को यह मालूम होगा कि बाजार में जो भी कंपनी आती हैं उनका उद्देश्य अपनी कंपनी और कंपनी के व्यवसाय को भविष्य में और उच्च स्तर पर आगे लेकर जाना होता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उनको पूंजी की आवश्यकता भी अधिक मात्रा में है.
ऐसे में कंपनी को अधिक पूंजी की आवश्यकता होने पर उनके पास पूंजी प्राप्त करने के दो विकल्प होते हैं. पहला विकल्प होता है कि वह बैंक से लोन ले सकता है और दूसरा विकल्प होता है आम जनता से पैसे लेना। परंतु कोई भी कंपनियां कभी भी यह नहीं चाहेगी कि वह बैंक से इतना ज्यादा लोन ले ले की बाद में उसको चुका ना पाए.
इसलिए कंपनी दूसरे विकल्प का चयन करती है जो की है पब्लिक या आम जनता के लिए बाजार में शेयर जारी करना. अतिरिक्त पूंजी प्राप्त करने के लिए प्रायः कंपनिया बाजार में आम जनता के लिए शेयर जारी करती हैं. इस प्रक्रिया से आम जनता कंपनी के शेयर खरीदती हैं और बदले में कंपनी को पूंजी प्राप्त हो जाती हैं.
जो भी कंपनियां बाजार में शेयर जारी करती हैं उनके लिए यह आवश्यक है कि उनकी कंपनी स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हो, जब कंपनी का नाम स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होता है तो आम जनता कंपनी की ओर आकर्षित होती हैं और अपनी इच्छा अनुसार उस कंपनी के शेयर खरीदती हैं. अतः आप समझ चुके होंगे कि कंपनियां शेयर क्यों जारी करती हैं?
कोई भी कम्पनी जब पहली बार शेयर जारी करती है तो उसे IPO (Initial Public Offer) कहा जाता है. जैसे ही कंपनी IPO लाती है उसके बाद कंपनी के Share सूचीबद्ध हो जाते है Stock Market में जिसके बाद आम जनता या निवेशक Secondary Market से शेयर की खरीद और बिक्री कर सकते है.
शेयर कितने प्रकार के होते हैं | Types of Share in Hindi
कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार अंश मुख्य दो प्रकार के होते है –
- Preference Shares (पुर्वाधिकार अंश)
- Equity Shares (समता अंश)
शेयर के दोनो प्रकारों के बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गई गई है.
A) Preference Shares
भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार पुर्वाधिकार अंशों से आशय कंपनी की पूंजी के उस हिस्से से है जिसमे पुर्वाधिकार अंशों को मिनलिखित अधिकार मिलते है.
- इन्हें निश्चित दर से लाभांश प्राप्त करने का अधिकार होता है।
- कंपनी की समाप्ति पर इनको सबसे पहले पूंजी वापिस पाने का अधिकार होता है।
पुर्वाधिकार अंशों के प्रकार | Types of Preference Shares
आगे पुर्वाधिकार अंशों के सभी प्रकारों के बारे में भी बताया गया है।
a) शोधनीय पुर्वाधिकार अंश (Redeemable Preference Shares)
ऐसे पुर्वाधिकार अंश जिनकी राशि को कंपनी अपने जीवनकाल में एक निश्चित समय के बाद वापिस कर देती है.
b) अशोधनीय पुर्वाधिकार अंश (Irredeemable Preference Shares)
ऐसे पुर्वाधिकार अंश जिनकी राशि को कंपनी अपने जीवनकाल में अपने समापन से पूर्व वापिस नही कर सकती है.
c) संचीय पुर्वाधिकार अंश (Cumulative Preference Shares)
इन अंशों का लाभांश तब तक संचित होता रहता है जब तक कि पूर्ण रूप से इनका भुगतान न कर दिया जाए, किसी भी वर्ष के बकाया लाभांश को आने वाले वर्ष तक ले जाया जाता है.
इसलिए जब भी कंपनी समता अंशधारियों को लाभांश का भुगतान करना चाहती हैं तो इसको पहले संचयी पूर्वाधिकार अंशों के बकाया लाभांश का भुगतान पहले करना चाहिए, सभी पुर्वाधिकार संचय माने जाते हैं जब तक उनको अंतर नियम में गैर संचयी वर्णित ना हो.
e) गैर संचयी पुर्वाधिकार अंश (Non Cumulative Preference Shares)
गैर संचयी पुर्वाधिकार अंश वे होते है जिनका लाभांश संचय नहीं होता है. यदि किसी वर्ष लाभांश का भुगतान नहीं किया जाता है तब उस वर्ष का लाभांश प्राप्त करने का अधिकार समाप्त हो जाता है. गैरपुरवाधिकार अंशधारी किसी वर्ष के ना चुकाए लाभांश को किसी आगामी वर्ष के लाभ में से प्राप्त नहीं कर सकते.
f) भागयुक्त पुर्वाधिकार अंश (Participative Preference Shares)
ऐसे पुर्वधिकार अंश जिनको समता अंशधारियों को आधिक्य लाभ देने के बाद बचे हुए लाभ में हिस्सा पाने का अधिकार होता है.
g) अभागयुक्त पुर्वाधिकार अंश (Non Participating Preference Shares)
इन अंशधारियों को आधिक्य लाभ में हिस्सा पाने का अधिकार नहीं होता है.
h) परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश (Convertible Preference Shares)
परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश ऐसे अंश होते है जिनको एक निश्चित समय के बाद समता अंशों में बदला जा सकता है.
i) अपरवर्तनीय पुर्वाधिकार अंश (Non Convertible Preference Shares)
ऐसे पूर्वाधिकार अंश जिनको समता अंश में बदला नही जा सकता है.
B) Equity Shares (समता अंश)
एक समता अंश से आशय उस अंश से है जो पुर्वाधिकार अंश नही है। इन अंशों के धारकों को लाभांश प्राप्त करने व पूंजी वापिस प्राप्त करने का कोई पुर्वाधिकार नही है। इन अंशों को प्रायः जोखिम उठाने वाले अंश कहा जाता है.
बाजार में इन अंशों का मूल्य कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर ऊपर नीचे होता रहता है. समता अंश को साधारण अंश भी कहते है। समता अंशधारियों को कंपनी के सभी मामलों में वोट देने का अधिकार होता है.
यह थे Shares के कुछ मुख्य प्रकार जिनके बारे में हमने आपको संक्षिप्त रूप से जानकारी प्रदान की है.
शेयर खरीदने के क्या फायदे है?
शेयर खरीदने के मुख्य तीन फायदे है जिनके बारे में हमने आपको यहां जानकारी दी है.
- पहला फायदा यह है की यदि आप किसी ऐसी कंपनी के शेयर खरीदते हो जो लंबे समय से मुनाफा कमा रही है तो आपको कंपनी की तरफ से लाभांश भी दिया जा सकता है. लाभांश का अर्थ है आपके शेयर पर मिलने वाले लाभ के अतिरिक्त जो लाभ आपको दिया जाता है कंपनी की तरफ से, लाभांश देना या न देना यह कंपनी के प्रबंधक के ऊपर निर्भर करता है.
- दूसरा लाभ यह की किसी अच्छे और मुनाफे में चल रही कंपनी के शेयर यदि आप खरीद लेते हो और भविष्य में उन Shares की कीमत बढ़ जाती है तो आप उनको भविष्य में बेचकर लाभ कमा सकते हो, मान लीजिए आपने ABC कंपनी के 1000 शेयर खरीदे है 50 रुपए प्रति शेयर मूल्य के हिसाब से है.
कुछ समय बाद उन शेयर की कीमत 100 रुपए हो जाती है तो जब आप उन शेयर को बेचोगे तो बेचते समय 1000 शेयर की कीमत 100000 लाख रूप रुपए हो चुकी जबकि आपने उनको 50000 में खरीदा था, अतः बेचते वक्त आपको 50000 का मुनाफा होगा.
- कई बार कंपनियां अपने अंशधारियों को बोनस शेयर के रूप में अतिरिक्त शेयर अपनी ओर से देती है जिसकी वजह से निवेशकों के पास उनके द्वारा खरीदे गए शेयर से ज्यादा शेयर इकट्ठा हो जाते है.
समता अंश और पुर्वाधिकार अंश में क्या क्या अंतर है?
समता अंश और पुर्वाधिकार अंशों के बीच के अंतर को निम्नलिखित रूप से स्पष्ट किया गया है –
आधार | समता अंश | पुर्वाधिकार अंश |
अर्थ | एक समता अंश से आशय उस अंश से है जो पुर्वाधिकार अंश नही है। समता अंश को साधारण अंश भी कहते है। समता अंशधारियों को कंपनी के सभी मामलों में वोट देने का अधिकार होता है. | ऐसे अंश जिनको निश्चित दर से लाभांश प्राप्त करने का अधिकार होता है तथा कंपनी की समाप्ति पर इनको सबसे पहले पूंजी वापिस पाने का अधिकार होता है. |
लाभांश का भुगतान | समता अंशों पर लाभांश तभी दिया जाता है जब पूर्वाधिकार अंशों को लाभांश का भुगतान कर दिया गया हो. | पुर्वाधिकार अंशों पर लाभांश समता अंशधारियों से पूर्व प्राप्त होता है. |
पूंजी वापिस पाने का अधिकार | कंपनी के समापन पर इनको पूंजी की वापसी पुर्वाधिकार अंशों के बाद की जाती है. | कंपनी के समापन पर इनको पूंजी वापिस पाने का अधिकार पहले होता है. |
लाभांश की दर | लाभांश की दर प्रतिवर्ष बदलती रहती हैं | लाभांश की दर निश्चित होती हैं. |
परिवर्तनशीलता | समता अंश परिवर्तनीय नहीं होते हैं. | पुर्वाधिकार अंशों को समता अंशों में बदला जा सकता है. |
वोट डालने का अधिकार | समता अंशधारियों को कंपनी के सभी मामलों में वोट देने का अधिकार होता है. | इनको वोट देने का अधिकार नहीं होता है. |
कंपनी का निर्माण | कंपनी का निर्माण केवल समता अंशधारियों की सहायता से की जा सकती है. | एक कंपनी केवल पुर्वाधिकार अंशों की सहायता से नहीं बनाई जा सकती है. |
शोधन का अधिकार | इनको प्रीमियम पर भुगतान पाने का अधिकार नहीं होता है. | इनको भुगतान प्रीमियम पर किया जा सकता है. |
शेयर कैसे खरीदे जाते है?
यदि आपके मन में यह बात का रही है की शेयर कैसे खरीदे जाते है तो हम आपको बताना चाहेंगे की वर्तमान समय में शेयर खरीदना बहुत ही ज्यादा आसान है. Share खरीदने के लिए यह जरूरी है की आपका Demat Account होना चाहिए जिसके माध्यम से आप Share की खरीद बिक्री शुरू कर सकते हो.
अभी के समय में ऑनलाइन ऐसे कई सारे प्लेटफार्म Apps के रूप में उपलब्ध है जिनके माध्यम से आप फ्री में अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हो खुद से और आपको कोई पैसा भी नही देना होगा, वैसे तो Share Broker के द्वारा भी आप अपना Demat Account खुलवा सकते हो पर बदले में आपको Fees देनी होगी उसे.
अतः हमारा आपको यह यही सुझाव है की यदि आप घर बैठे जब अपने अपना Demat Account खोल सकते हो तो इसी विकल्प का चयन करिए, हमने यहां कुछ Online Platforms के नाम दिए है जिनके माध्यम से आप किसी भी कंपनी के Share खरीद सकते हो और बेच सकते हो.
Groww | Apps on Google Play |
Upstox | Apps on Google Play |
Angel One | Apps on Google Play |
5Paisa | Apps on Google Play |
INDmoney | Apps on Google Play |
ऊपर सारणी में बताए गए Apps का इस्तेमाल करके आप अपना फ्री में डिमैट अकाउंट बनाकर Share खरीद सकते हो, आप Apps को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हो।
शेयर का मतलब क्या है – FAQs
Q.1 शेयर का मतलब क्या है?
Ans :– किसी भी कंपनी की पूंजी कई सारे हिस्सो मे विभाजित होती है और उस विभाजित पूंजी का सबसे छोटा हिस्सा शेयर (Share) कहलाता है.
Q.2 शेयर कैसे खरीदे जाते हैं?
Ans :– शेयर खरीदने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे कि Groww और Upstox का इस्तेमाल कर सकते हो जहां पर आप अपना डिमैट अकाउंट बनाकर किसी भी कंपनी का शेयर आसानी से घर बैठे ऑनलाइन खरीद सकते हो.
Q.3 Share को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans :– Share अंग्रेजी का शब्द है जिसको हिंदी में अंश के नाम से जाना जाता है.
Q.4 शेयर बाजार में इक्विटी (Equity) शेयर क्या हैं?
Ans :– कंपनी के साधारण शेयर को इक्विटी शेयर कहा जाता है.
Q.5 आउटस्टैंडिंग (Outstanding) शेयर क्या है?
Ans :– कंपनी द्वारा बाजार में जारी किए गए कुल शेयरों को आउटस्टैंडिंग (Outstanding Share) शेयर कहा जाता है जो कि बाजार में ट्रेडिंग (Trading) के लिए उपलब्ध होते है.
Q.6 शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है?
Ans :– शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में कोई भी अंतर नही है. शेयर बाजार, शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट सभी एक ही है. इन सभी में बस नाम का ही अंतर है.
What is Share in Hindi – सारांश
आज का यह संपूर्ण आर्टिकल शेयर क्या है विषय को आधार मानकर लिखा गया है जिसमें हमने आपको आसान शब्दों में शेयर क्या है? शेयर कितने प्रकार के होते हैं? शेयर क्यों जारी किए जाते हैं? शेर के फायदे क्या है और शेयर कैसे खरीदे जाते हैं? आदि जैसे छोटे-मोटे प्रश्नों के उत्तर के बारे में समझाया है. इसी के साथ आज के इस लेख में बस इतना ही.
हम यही आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपका उद्देश्य पूर्ण हो चुका होगा, अगर यह ब्लॉग पोस्ट आपको पसंद आए तो इसे शेयर अवश्य कीजिए, म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) और शेयर मार्केट(Share Market) से जुड़ी अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल अवश्य ज्वाइन करें.